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गुलज़ार शायरी। Shayari by Gulzar on Love | Gulzar Shayari in Hindi
Shayari by Gulzar on Love
एक सरल खुली किताब था में ,अफ़सोस किसी अनपढ़ के हाथो में
नफरत भी नहीं हैं गुस्सा हु ,पर तेरी ज़िंदगी का अब हिस्सा भी नहीं हूँ।
बड़े अजीब से हो गए हैं रिश्ते आज कल ,सब फुर्सत में हैं लेकिन वक्त किसी के पास नहीं।
Hindi Gulzar Shayari
मैं शिकायत क्यों करू ये तो किस्मत की बात हैं ,तेरी सोच में भी मैं नहीं मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं।
किस पर ठहरती हैं नज़र ये नज़र की बात हैं ,कौन किसका कितना बन जाता हैं अजीब ,ये मुकद्दर की बात।
कोयला कहते पर किरदार मेरा मोती हैंसमझ से परेय चीज बेकार ही होती हैं।
कर रही थी वो उस दिन न जाने कहा कहा की बातेउसके होठो पर अपने होंठ रख कर ,उसे खामोश कर दिया मैंने।
चाकू खंज़र तीर तलवार लड़ रहे थेकी कौन ज्यादा घाव देता हैं,शब्द पीछे बैठे मुस्करा रहे थे।
Gulzar Shayari in Hindi
मैंने दोस्तों से लिए थे पैसे उधार उसे तौफा देने के लिएतौफा ठुकरा दिया उसने, बोली की तुम तौफा बहुत सस्ते देते हो।
इतना भागा था एक सख्स के पीछेपाँव से ज्यादा दिल थक गया मेरा।
जिनका मिलना किस्मत में न होउनसे मोहब्बत कमाल की होती हैं।
जिस्म से होने वाली मोहब्बत का इजहार आसान होता हैंरूह से हुई मोहब्बत को समझाने में ज़िंदगी गुजर जाती हैं।।
Shayari by Gulzar on Love
अब कहानी तो अधूरी रहनी ही थीवो अक्सर खुद को राधा और मुझे कृष्णा बताती थी।
जरा जरा सी बात पर तकरार करने लगे हो ,लगता हैं तुम मुझसे प्यार करने लगे हो।
आइना आज फिर रिश्वत लेता पकड़ा गयादिल में दर्द था और चेहरा हसता हुआ पकड़ा गया।
हिम्मत कर सब्र रख बिखर कर भी सवर जायेगा ,यकीन कर शुक्र कर वक्त ही तो हैं गुजर जायेगा।
Gulzar Shayari in Hindi
वो पत्थर कहा मिलता हैंबताना जरा ए दोस्त ,जिसे लोग दिल पर रखकरएक दूसरे को भूल जाते हैं।
हजारो में मुझे सिर्फ एक वो शख्स चाहिए ,जो मेरी गैर मौजूदगी में मेरी बुराई ना सुन सके।
गैर क्यों ले जा रहे हैं मुझेअपने कंधो पर,अच्छा ! अपनों ने तो कब्र खोदने का जिम्मा उठा रखा हैं।
Shayari by Gulzar on Love
मेरे जनाज़े में एक कन्धा मेरे यार का भी रखनाउसे मालूम हैं मैं किस गली से मुस्कराकर निकलता हूँ।
तेरी ही सोच में गुजार दी हमने ,एक उम्र जो बड़ी काम की थी।
सारे रंगो से दूर हैंसावले रंग का सुरूर हैं
ऐसे ही नहीं बन जाते गैरो से गहरे रिश्तेकुछ खालीपन तो अपनों ने ही दिया होगा .
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं शोर भी हैंतूने देखा ही नहीं मेरी आँखों में कुछ और भी हैं।
Hindi Gulzar Shayari
वो जो उठाते हैं आपके किरदार पर उंगलियातौफे में उन्हें आप आइना दीजिये।
मुकद्दर की लिखावट का एक ऐसा भी कायदा हो ,देर से किस्मत खुलने वालो का दोगुना फायदा हो।
परमानेंट पासवर्ड बना लेता में तुम्हे ,लेकिन तुम्हारे लक्षण ही OTP वाले थे
सावले रंग का मज़ाक उड़ाकर गोरे रंग पर गुमान करते हो ,,फिर कृष्ण की पूजा भी करनी है तुमको तुम भी ग़ालिब कमाल करते हो |
मेरी उदासिया तुम्हे कैसे नज़र आयेगी ,,तुम्हे देखकर तो हम मुस्काराने लगते है|
Shayari by Gulzar on Love
और फिर हुआ यू की खत्म हो गए वो रिश्ते भी ,,जिन्हे देखकर लगता था की जिंदगी भर साथ निभाएंगे
अपनी अच्छाई पर इतना भरोसा रखो ,,की जो तुम्हे खोयेगा यकीनन रोयेगा |
मुझे सिर्फ इतना बता दो क्या चाहते हो ?सच में मोहबत हैं या सिर्फ वक़्त बिताना चाहते हो |
अधूरा है मेरा इश्क़ तेरे नाम के बिना ,,जैसे अधूरी है राधा श्याम के बिना |
Gulzar Shayari
लिख कर लाया था कोरे कागज़ पर परेशानिया ,,दोस्तों ने उसे पतंग बनाकर उड़ाना सीखा दिया
शायरी समझते हो जिसे तुम सब ,,वो किसी से अधूरी शिकायते है मेरी |
बातो की मिठास अंदर का भेद नहीं खोलती ,,मोर को देखकर कोन कह सकता है की येसांप खाता है
Shayari by Gulzar on Love
इतंज़ार है मुझे जिंदगी केआखरी पन्नो का ,,सुना है अन्त में सब ठीकहो जाता है
लफ्ज दो थे ,,बात एक थी ,,कहते हुएजमाना लगा
शुक्र है की ये मैसेज दौर साहब ,वरना वो तो मेरे भेजे हुए कबूतर भी मार देता।
इज्जत की तो बात ही ही छोड़ दो इस ज़माने में ,मैंने कहा वो बहन हैं मेरी लोगो ने पूछा ने पूछा सगी हैं ?
Gulzar Shayari
काश की कोई ऐसा हो जो गले लगाकर कहे,तेरे दर्द से मुझे भी तकलीफ होती हैं।
जो दौर हैं दुनिया का उस ही दौर से बोलोये बेहरो का इलाका हैं जरा जोर से बोलो।
उंगलिया आज भी इस सोच हैंकी उसने कैसे नए हाथो को थामा होगा।
खबर सबको थी मेरे कच्चे मकान कीkhabar sbko thi mere kacche makan ki.
always loved this blog!
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