Mirza Asadullah Baig Khan (27 December 1797 – 15 February 1869) was an Indian poet. He used his pen names Ghalib and Asad.
आप यहाँ देखेंगे मिर्ज़ा ग़ालिब के द्वारा लिखी गई प्यार, दुःख पर बेहतरीन 50+
शायरिया जो आपके दिल को छू जाएगी।
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Mirza Ghalib Shayari in Hindi
शक करने वालों को हक नहीं दिया करते,और हक देने वालों पे शक नहीं किया करते।
Koi Roo Kar Dil BehlataHai, Toh Koi Has KarDard Chupata Hai
कुछ यू समेट रखा है अपनी हर रूहमें उन्हें, कि जुबान तो छोड़ो सासें तकउनका नाम लेती है
Mirza Ghalib Ki Shayari
जब भी टूटो अकेले में टूटना,क्योंकि ये दुनियां तमाशा देखने मेंबहुत माहिर है
अक्सर बेहतरीन की खोज में हम,बेहतर को भी खो देते हैं !
कभी कभी इंसानना टूटता है, ना बिखरता हैबस हार जाता है, कभी ख़ुद सेकभी क़िस्मत से, तो कभी अपनों से
Ghalib shayari on love
Fir Ek Baar MohabbatKarni Hai Tumse,Lekin Is Baar BewafaiHum Karenge.
इश्क़ में नामकरण का मजा ही अलग है,वो जिस नाम से भी बुलाए, अच्छा लगता है..!!
नशा सूरत का होता तो कब का उतर जाता,मगर मुझे तलब है तेरी सादगी की।
Mirza Ghalib Shayari in Hindi
रंगों की चकाचौंध है 'मुर्शद,हमें क्या हम तो सांवले रंग पर मरते हैं..!!
प्रेम ना सही, लेकिन उसको हँसते हुए देखूगा,सोचा न था, कभी डाकिया बनकर"किसी और का प्रेम पत्र उसे देकर आऊंगा।
Mirza Ghalib Ki Shayari
खुद को किसी की अमानत समझकर,हर लम्हा वफादार रहना ही इश्क़ है.
सांस के साथ अकेला चल रहा था,सांस गई तो सब साथ चल रहे थे।
Kehne wale ka kya jata hai,Kamaal toh sehne wale karte hai.
Mirza Ghalib shayari on love
ज्यादा ख्वाहिशे नहीं है अब ,बस अगला लम्हा पिछले से बेहतर हो काफी है ।
बड़ी लंबी गुफ़्तगू करनी हैतुम आना एक पूरी ज़िंदगी लेकर
बहुत मिलेंगे हसीन चेहरेदुनिया के इस बाज़ार मेंवो मुक़द्दर से मिलता है ,जिसका 'दिल' खूबसूरत होता है
Ghalib shayari on love
गुनाह करके कहां जाओगे 'गालिबये जमीन ये आसमान सब उसी का है!!!
Rulane wale wahi log hai,jo kehte hai haste huye achelagte ho.
इन हाथों कि लकिरों पर मत जा 'गालिब'नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते..
Mirza Ghalib Shayari in Hindi
जब लगा था तीरतब इतना दर्द ना हुआ 'गालिब'जख्म का एहसास तब हुआ जब 'कमानदेखी 'अपनों के हाथों में.
आता है कौन कौन तेरे गम को बाँटने 'गालिब'तू अपनी मौत कि अफवाह उड़ा के देख
उम्र भर 'गालिब' यही भूलकरता रहा धूल चेहरे पर थीऔर आईना साफ करता रहा।।
Mirza Ghalib shayari on love
सुनो मुस्करा देते हो मेरी हर बात पर,सुनते भी हो या इश्क़ हो गया..!
Andekhe dhago se yubandh gaya koi,Wo sath bhi nahi aur humazaad bhi nahi.
दो मुलाक़ात क्या हुई हमारी तुम्हारीनिगरानी मे सारा शहर लग गया...!!
Mirza Ghalib Shayari in Hindi
तेरी कामयाबी पे तारीफ औरकोशिश पर ताना होगा,तेरे दुःख में कुछ लोग औरखुशी में ज़माना होगा।
किसी ने पूछा इश्क़ हुआ था,हम मुस्कराकर बोले आज भी है..!
मेरी ख्वाहिशें ज्यादा थीऔर उसकी जरुरते...
Mirza Ghalib Ki Shayari
मेरी वाहियात शायरी को पहचानने लगी हैशायद वो मुझको चाहने लगी है।।
Koi ehsaan Karde itna batakar kiBhulaya kaise Jaata hai dil todneWalon ko..
लोग कहते है समझो तोहखामोशिया भी बोलती है,मैं अरसे से खामोश होवो बरसो से बेखबर.
Ghalib shayari on love
हम अपनी इसी बात पर गुरूर करते है,किसी से प्यार हो या नफरत भरपूर करते है.
बुरा हमें भी लगता हैबस हम तुम्हेएहसास नहीं होने देते है!
कर लेता हु बर्दाश्त हरदर्द इसी आस के साथ,की खुदा नूर भी बरसाताहै आज़माइश के बाद.
Mirza Ghalib Shayari in Hindi
बर्बाद कर देती है मोहब्बत,हर मोहब्बत करने वाले कोक्यूंकि इश्क़ हार नहीं मानता,और दिल बात नहीं मानता
तुम्हारी आदत सी हो गई थी हमें,मालूम तो हमें भी था की तुम किस्मत में नहीं हो..!!
शर्म से आँखें झुक जाएँगीमेरे नाम से उनको पुकार के तो देखो
Ghalib shayari on love
"हाँ" भी नही और "ना" भी नही,तुम्हारा चुप्पी भरा जवाब मेरी समझ में आता नही।।
NAFRAT HaiGuroor NhiDubara IshqMANZOOR Nhi
नफरतो की महफ़िल मैंयह मुमकिन नहींदोस्त हो या दुश्मन जोज़िक्र मेरा न करे.
Mirza Ghalib Shayari in Hindi
आराम से बैठ के देख रहा हुआज कल के बच्चे बाप बन रहे है
अगर मोहब्बत किसी सेबे'हिसाब हो जाये,तोह समझ लेना कि वोकिस्मत में नहीं.
थक गए अचे बन केअब तोह बुरे ही ठीक है
Mirza galib shayari
तारीफ जिनकी खुदा खुद करेउस नूर का नाम है
अब बस आप हौसले की उड़ान देखना,हम वो परिंदा है जो पिंजरा ले उड़ेंगे !!
मैं कैसे हार जाऊ तकलीफो के आगे.मेरी तरक्की की आस मेंमेरी "माँ" बैठी है
Ishq karne walo ko fursatkaha jo gum likhenge,Kalam idhar lao doston innbewafao ke baare me humlikhenge.
Mirza Ghalib Ki Shayari
एक दिन मैं मर जाउंगा.और तुम्हे लगेगा की मैं, ऑफलाइन हूँ.
लगा के आग सीने मै चले हो तुम कहाँअभी राख तो उड़ने दो तमाशा और भी होगा
ये उनकी मोहब्बत का नया दौर है,जहां मैं कल था,आज कोई और है !
Mirza Ghalib Shayari in Hindi
इतने आंसू संजो रखें हैं तकिए ने मेरे ,झटक दू तो पूरे शहर में बरसात हो जाए ।।
आधी अधूरी बातें मन पे बोझ होती है इन,किसी से कह दिया करो, किसी की सुन लिया करो.
Mirza galib shayari in hindi
बर्बाद ज़िन्दगी की अच्छी कहानी हु मै,बचपन से खामोश हरामी हु मै.
मेरी एक बात याद रखनाअगर हम टूटे तो बिखर तुम भी जाओगे.
रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल
ReplyDeleteजब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है
- mirza galib
Amazing collection you have,
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