Poem on sawan in hindi | "तुम्हारे आने पर"
Yaha Par Aap Payenge "तुम्हारे आने पर"
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"तुम्हारे आने पर"
तुम्हारा आना ऐसा था जैसे बरसात में
किसी पपीहे को एक आम के पेड़ की
घनी छाँव मिले और वो गूंज उठे उल्लाश से,
मंत्रमुग्ध होकर मौर भी थिरक उठे।
तुम हो तो लगा के जैसे सावन आ गया हैं
यूँ ही अक्सर ठहर जाने के लिए।
तुम रहे तो लगा की जैसे बसंत की फुलवारी में
बेवक्त ही खिल आयी कोमल पंखुडिया।
Poem on sawan in hindi
तुम आये तो चाँद पहले से भी बड़ा दिखने लगा,
आसमान ने तुम्हारे बिखरे सुरमे से
चुराया उनका स्याहपन।
तुम थे तो सूरज का ढलना भी अब और बेहतर लगा ,
और शायद हमे साथ देख
वो भी पहले से अब ज्यादा लाल दिखने लगा
और बस जलकर डूब गया।
तुम आये तो जैसे गांव के सूखे पड़े कुए में
फुट गया हो धरा का पानी ,
जैसी अंकुरित हो उठे हो तमाम खेत के बीज
महज तुम्हारे आने से।
Poem on sawan in hindi
तुमने बनाया तो कम शक्कर वाली चाय भी
इस बार कम फीकी लगी ,
तुम आये तो सीखा मैंने भी बनाना गोल रोटियां
और वो सुखी आलू वाली सब्जी
माँ के साथ लगकर रसोई में ,
वो भी हस पड़ी की जो लड़का
दूध उबालने में भी दो बार गिरा दे ,
जाने किस परी के जादू में पड़ गया हैं
Poem on sawan in hindi
तुम आये तो बहुत सी नयी बातें मिली लिखने को ,
वो लड़का जिसने रात रात भर जागकर लिखा
यु धोखे पर -यूं बेवफाई पर
आज सुबह जल्दी उठकर लिख पड़ा यु ही
गुलाबी इश्क़ और बस
"तुम्हारे आने" पर।
good one bro
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